कॉलसेन्टरों में अनपढ़ों की भर्ती हो रही है कदाचित्‌ आजकल!! मूर्खों की भर्ती होती है यह तो पहले से ही पता है लेकिन अनपढ़ों का मामला अभी पता चला। महानगर टेलीफोन निगम के कस्टमर केयर में फोन लगाया यह पूछने के लिए कि डू नॉट डिस्टर्ब (Do Not Disturb) रजिस्ट्री में रजिस्टर करने के बाद भी टेलीमार्केटिंग संदेश क्यों आ रहे हैं। जो बंदा मिला उसने पहले सीधे बोल दिया कि 90 दिन लगते हैं सेवा चालू होने में, तो मैंने कहा कि मुझे 45 दिन कहा गया था लेकिन 90 दिन भी हो चुके हैं तो वह अड़ गया कि नहीं हुए हैं, आपने 17 नवंबर 2008 को रजिस्टर किया था। मैंने कहा कि हिसाब लगा ले कितने दिन हुए हैं, मेरे हिसाब से तो 17 फरवरी 2009 को 92 दिन पूरे हो चुके हैं। इस बात का हिसाब लगाने के लिए उसने मेरी कॉल को होल्ड पर रखा और दस मिनट बाद हिसाब लगा के आया!! उँगलियों पर गिन के 10 सेकन्ड में लगाए जा सकने वाले हिसाब को करने में उसे 10 मिनट लगे और फिर आकर मुझसे बहस करने लगा कि सेवा की प्रमोशन करने वाला एसएमएस (SMS) टेलीमार्केटिंग नहीं है इसलिए ये तो आएँगे और कॉल काट दी!! 😡

यानि कि एक तो अनपढ़ और ऊपर से बद्‌तमीज़ भी!! तौबा!! कॉल सेन्टर में भर्ती होने के लिए नियम बनना चाहिए कि व्यक्ति कम से कम बारहवीं पास तो हो, इतना जरा सा हिसाब तो सातवीं फेल भी लगा सकता है!! 🙄