जनता की गाड़ी सरकारी ईश्टाइल में मिलेगी। जिस प्रकार यहाँ दिल्ली में दिल्ली विकास प्राधिकरण उर्फ़ डीडीए वाले किसी इलाके में चार-पाँच हज़ार फ्लैट बना के आवेदन फॉर्म भरवाते हैं और फिर उन लाखों आवेदन पत्रों में से जितने फ्लैट हैं उतने फॉर्म लॉटरी द्वारा चुन के आवेदन कर्ताओं को फ्लैट देते हैं उसी प्रकार टाटा की बहुचर्चित जनता की गाड़ी लखटकिया नैनो भी लोगों को लॉटरी द्वारा बेची जाएगी। अभी हाल ही में कहीं पढ़ा कि पहली खेप में सिर्फ़ 800-900 गाड़ियाँ ही बिकेंगी क्योंकि इतनी ही तैयार हुई हैं। तो टाटा मोटर्स तीन सौ रूपए में फॉर्म की एक प्रति बेचेगी जिसको भरकर नैनो को खरीदने के तलबगार अपना नंबर लगाएँगे। उसके बाद टाटा मोटर्स वाले लॉटरी द्वारा निर्णय लेंगे कि कौन खुशनसीब (या बदनसीब?) नैनो को खरीदने के हकदार हैं।

और कुछ हो या न हो, लेकिन लग रहा है कि टाटा मोटर्स वाले जितना नैनों की पहली खेप में कमाएँगे उससे अधिक वे आवेदन फॉर्म बेच कर कमा लेंगे!! 😀